पुडुकोट्टई-अरंथांगी राज्य राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना अंतिम चरण में: पूरी जानकारी , 44 करोड़ रुपये का Budget खर्च..!

By akhilesh Roy

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Pudukkottai-Aranthangi Highway Upgrade

पुडुकोट्टई-अरंथांगी राज्य राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना अंतिम चरण में

परियोजना का अवलोकन

राज्य राजमार्ग विभाग द्वारा संचालित इस महत्वपूर्ण project का उद्देश्य पुडुकोट्टई से अरंथांगी तक के मार्ग को चार लेन में बदलना है, जो यात्रियों के लिए सुगमता प्रदान करेगा। इस budget के तहत कुल 198 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, और यह कार्य तीन चरणों में विभाजित है। परियोजना के तहत मीडियन पर पौधे लगाए जा रहे हैं, जो सड़क की सुंदरता बढ़ाएंगे। यह विकास कार्यक्रम व्यापक सड़क अवसंरचना विकास योजना के अंतर्गत आता है, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।

इस initiative से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा, क्योंकि बेहतर सड़कें व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देंगी। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी, जिससे कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। परियोजना की शुरुआत से ही सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है। कुल मिलाकर, यह project तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में विकास की नई दिशा प्रदान कर रहा है।

अब तक की उपलब्धियां

पहले चरण में 4.8 किलोमीटर का हिस्सा पूरा किया गया, जिस पर 44 करोड़ रुपये का budget खर्च हुआ और यह 2023-24 में समाप्त हुआ। दूसरे चरण में 6 किलोमीटर का विस्तार किया गया, जिसमें 39 करोड़ रुपये लगे और यह 2024-25 में पूरा हुआ। इन चरणों में कुल 32 culverts बनाए गए, जो जल निकासी को सुनिश्चित करते हैं। विभाग ने इन कार्यों को समय पर पूरा करके अपनी क्षमता साबित की है।

दूसरे चरण का कार्य वल्लाथिराकोट्टई तक पहुंचा, जहां सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए आवश्यक बदलाव किए गए। इस दौरान inspection टीमों ने नियमित जांच की, ताकि गुणवत्ता बनी रहे। अब तक के कार्य से यात्रा समय में कमी आई है, और स्थानीय निवासियों को लाभ मिल रहा है। कुल मिलाकर, इन चरणों ने परियोजना की मजबूत नींव रखी है, जो अंतिम चरण के लिए प्रेरणा दे रही है।

अंतिम चरण की तैयारी

अंतिम 19 किलोमीटर के हिस्से के लिए tender प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और इस पर 115 करोड़ रुपये का budget निर्धारित है। कार्य अगले महीने से शुरू होने की उम्मीद है, और इसे 10 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस चरण में 31 नए culverts बनाए जाएंगे, जो सड़क की मजबूती बढ़ाएंगे। विभाग का कहना है कि यह चरण पूरे मार्ग को निर्बाध बना देगा।

इस phase में पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने के लिए जिला हरित समिति से अनुमति ली जा रही है। हाल ही में inspection टीम ने साइट का दौरा किया, जिसमें वन विभाग और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। यह सुनिश्चित करेगा कि कार्य पर्यावरण के अनुकूल हो। कुल मिलाकर, अंतिम चरण की तैयारी से परियोजना की सफलता की झलक मिल रही है, जो क्षेत्र के विकास को गति देगी।

पर्यावरण संरक्षण के प्रयास

परियोजना के दौरान पहले दो चरणों में लगभग 490 पेड़ों को हटाया गया, लेकिन जिला हरित समिति की मंजूरी के बाद ही। अंतिम चरण में 340 पेड़ों को हटाने के लिए approval की प्रक्रिया चल रही है। विभाग को 1:10 और 1:20 के अनुपात में नए पौधे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

अब तक 1,350 देशी प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं, जैसे तमरिंद, नानल, वेम्बु और पुंगई। मीडियन पर 11 किलोमीटर के हिस्से में arali और नीम के पौधे लगाए गए हैं। इसके अलावा, अलंगुडी से करंबकुडी, कुरुंबुर और अरिमलम तक के मार्गों पर भी plantation की गई है। यह प्रयास दिखाता है कि विकास और पर्यावरण का सामंजस्य कैसे संभव है, जो अन्य परियोजनाओं के लिए उदाहरण बनेगा।

अपेक्षित लाभ और प्रभाव

इस project से यात्रा अधिक सुरक्षित और तेज होगी, जो स्थानीय व्यापारियों और किसानों को फायदा पहुंचाएगा। चार लेन वाली सड़क से यातायात जाम की समस्या कम होगी, और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत होगी। कुल मिलाकर, यह तमिलनाडु के ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विभाग का अनुमान है कि परियोजना पूरी होने पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी।

इसके अलावा, पर्यावरणीय पहल से जैव विविधता संरक्षित रहेगी, जो लंबे समय में लाभदायक साबित होगी। Inspection और मॉनिटरिंग से गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है, जो विश्वसनीयता बढ़ाती है। स्थानीय समुदाय इस बदलाव से उत्साहित है, क्योंकि यह रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। कुल मिलाकर, यह परियोजना राज्य की अवसंरचना को नई ऊंचाई देगी।

निष्कर्ष

इस project ने पुडुकोट्टई-अरंथांगी राज्य राजमार्ग को आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें budget प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण का संतुलन स्पष्ट है। अंतिम चरण की शुरुआत से पूरे मार्ग पर निर्बाध यात्रा संभव होगी, जो क्षेत्र के विकास को नई गति देगी। यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे सतत विकास के माध्यम से हम बेहतर भविष्य बना सकते हैं।

कुल मिलाकर, राज्य राजमार्ग विभाग की यह initiative न केवल यातायात सुधारती है, बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी भी निभाती है। क्या हम ऐसी परियोजनाओं से प्रेरित होकर अपने इलाकों में बदलाव ला सकते हैं? यह विचार हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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akhilesh Roy

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