राष्ट्रीय राजमार्ग 66: मार्ग, लंबाई और महत्वपूर्ण जानकारी
राजमार्ग का परिचय
भारत के प्रमुख national highways में से एक NH 66 देश के पश्चिमी तट को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है। यह राजमार्ग महाराष्ट्र से शुरू होकर तमिलनाडु तक फैला है, जो कुल पांच राज्यों से गुजरता है। NHAI द्वारा संचालित इस परियोजना ने पुराने राजमार्गों को मिलाकर नया रूप दिया है, जिससे यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित हुई है। इसका निर्माण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से किया गया, जो पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देता है।
इस highway की खासियत यह है कि यह उत्तर-दक्षिण दिशा में फैला है, जहां समुद्री तटों की सुंदरता का आनंद लिया जा सकता है। Renumbering प्रक्रिया के बाद इसे नया नाम मिला, जो पुराने एनएच 17 और 47 को शामिल करता है। यात्रियों के लिए यह एक रोमांचक विकल्प है, जहां आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। कुल मिलाकर, यह राजमार्ग भारत की सड़क कनेक्टिविटी का एक मजबूत उदाहरण है।
मार्ग की लंबाई और प्रमुख चौराहे
NH 66 की कुल लंबाई करीब 1600 किलोमीटर है, जो विभिन्न राज्यों में बंटी हुई है। महाराष्ट्र में यह सबसे लंबा हिस्सा है, जहां 475 किलोमीटर का मार्ग प्रमुख शहरों से जुड़ता है। Route length के अनुसार, केरल में यह 678 किलोमीटर तक फैला है, जो तटीय इलाकों को कवर करता है। प्रमुख चौराहों पर आधुनिक intersections हैं, जो ट्रैफिक को सुचारू रखते हैं।
इस highway का प्रवेश बिंदु महाराष्ट्र के पनवेल से है, जबकि निकास तमिलनाडु के कन्याकुमारी पर। Kilometer breakdown से पता चलता है कि गोवा में 138 किलोमीटर, कर्नाटक में 294 और तमिलनाडु में 56 किलोमीटर का हिस्सा है। यात्रा के दौरान कई toll plazas मिलते हैं, जो रखरखाव में मदद करते हैं। इससे लंबी दूरी की यात्रा आसान हो जाती है और समय की बचत होती है।

गुजरने वाले राज्य और पर्यटन स्थल
यह राजमार्ग महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु से होकर गुजरता है, जहां विविध संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम है। States covered में महाराष्ट्र के करनाला फोर्ट और अलिबाग जैसे स्थान प्रमुख हैं, जो इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। गोवा में Anjuna Beach और दूधसागर वाटरफॉल यात्रा को यादगार बनाते हैं। इन राज्यों में राजमार्ग पर्यटन को बढ़ावा देता है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है।
केरल में Munnar और बेकल फोर्ट जैसे आकर्षण हैं, जबकि तमिलनाडु में ऊटी और मदुरै प्रमुख हैं। Tourist spots की सूची में कर्नाटक का मरावंथे बीच भी शामिल है, जो समुद्री दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है। राजमार्ग इन स्थानों को आसानी से जोड़ता है, जिससे परिवारिक यात्राएं लोकप्रिय हो रही हैं। कुल मिलाकर, यह highway सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों का खजाना है।
National highway 66 Map
वाहन प्रकार और गति सीमा
NH 66 पर विभिन्न प्रकार के वाहन अनुमत हैं, जैसे कार, बस, ट्रक और बहु-एक्सल वाहन। Vehicle types में एसयूवी, वैन और एचसीएम शामिल हैं, जो राजमार्ग की क्षमता को दर्शाते हैं। गति सीमा मोटरसाइकिल के लिए 80 किमी प्रति घंटा है, जबकि कारों के लिए 100 किमी प्रति घंटा। इन नियमों का पालन दुर्घटनाओं को रोकता है और यात्रा को सुरक्षित बनाता है।
ट्रकों और बसों के लिए speed limits 90 किमी प्रति घंटा निर्धारित है, जो स्थानीय कारकों पर आधारित है। Three-wheeled vehicles की सीमा 50 किमी प्रति घंटा है, जो सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। राजमार्ग पर चालान जांच ऑनलाइन उपलब्ध है, जो वाहन मालिकों को सुविधा प्रदान करता है। इन नियमों से राजमार्ग की दक्षता बनी रहती है और यातायात सुचारू रहता है।
यात्रा टिप्स और सुरक्षा उपाय
NH 66 पर यात्रा करते समय गति सीमा का पालन करें और ओवरटेकिंग से बचें, क्योंकि इससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। Travel tips में रोड साइन का अनुसरण और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सतर्कता शामिल है। रात में ड्राइविंग से बचें, क्योंकि दृश्यता कम होने से खतरा बढ़ता है। हमेशा वाहन का third-party insurance सुनिश्चित करें, जो कानूनी रूप से अनिवार्य है।
तेज मोड़ों पर सावधानी बरतें और स्थानीय मौसम की जानकारी रखें। Safety measures में ब्रेक और टायर की जांच शामिल है, जो लंबी यात्रा के लिए जरूरी है। राजमार्ग पर उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करें, जैसे रेस्ट एरिया। इन टिप्स से यात्रा न केवल सुरक्षित बल्कि आनंददायक भी बनती है।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय राजमार्ग NH 66 भारत की infrastructure का एक मजबूत उदाहरण है, जो पांच राज्यों को जोड़कर विकास को गति देता है। इस highway से पर्यटन, व्यापार और यातायात में सुधार हुआ है, लेकिन सुरक्षा नियमों का पालन जरूरी है। पाठकों को सोचना चाहिए कि ऐसे राजमार्ग कैसे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं, और इसमें अपनी जिम्मेदारी क्या है।
कुल मिलाकर, यह project लंबी दूरी की यात्रा को आसान बनाता है और नई संभावनाएं खोलता है। क्या यह national highway अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा बनेगा? यह विचारणीय है, और हमें सतत विकास पर ध्यान देना चाहिए।
इसे भी पढ़ें:-
मिजोरम रेल कनेक्टिविटी: लखनऊ से आइजोल तक नई ट्रेन रूट से आसान सफर, कुल लागत 8071 करोड़ रुपये है..!